निर्विचारिता स्थिति प्राप्ति पर ध्यान कार्यशाला का सादर आमंत्रण
परम पूज्य श्री माताजी की दिव्य अनुकम्पा और आशीर्वाद द्वारा, एक दिवसीय ध्यान कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
स्थान: गन्ना उत्पादक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नैनीताल रोड, बहेड़ी (बरेली), उ. ख.,
दिनांक: रविवार, 24 नवंबर 2019,
समय: सुबह 9 बजे से शाम 4:30 बजे तक।
सभी सहज योगी भाइयों और बहनों को परम पूज्य श्री माताजी के श्री चरणों में निर्विचारिता का आनंद और सुख के अनुभव के आशीर्वाद व कृपा प्राप्ति हेतु प्रार्थना व स्तुति अर्पित करने के लिए सादर आमंत्रण है।
इस कार्यक्रम का नीचे दिए गए लिंक पर ऑनलाइन प्रसारण भी होगा:
https://atyourlotusfeetmother.blogspot.com/
"मेरे चित्त से, मैं कई चीजों को कार्यान्वित करती हूं। कैसे? बस मेरा चित्त विचार शून्य हो गया है। बस विचार शून्य है। यह जाता है। जहां भी जाता है, यह कार्य करता है। लेकिन अगर आप अपना चित्त हर समय सोचने के लिए, सोचने के लिए लगाते हैं, तो यह उस कार्य को नहीं करता है जिसे इसको करना चाहिए। "
परम पूज्य श्री माताजी
क्रिसमस पूजा 1998
श्री माताजी! आपने हमारे भीतर एक माँ और उसके बच्चों के बीच एक सबसे शक्तिशाली सम्बन्ध प्रदान किया है। आप हमारे भीतर मौजूद हैं और हम भी आपके भीतर विराट की कोशिकाओं के रूप में मौजूद हैं। आप अपने प्रत्येक बच्चे के अतःकरण और बाह्य दोनों का ख्याल रखती हैं जब हम आपकी कृपा और आशीर्वाद से निर्विचारिता की स्थिति से सशक्त होते हैं। श्री माताजी! कृपया पूरी तरह से निर्विचारिता की स्थिति हम सभी के भीतर स्थापित होने दें ताकि हमारे माध्यम से इसका आनंद और सुख समस्त विश्व के प्राणियों को प्राप्त हो सके श्री माताजी!
जय श्री माताजी!
परम पूज्य श्री माताजी की दिव्य अनुकम्पा और आशीर्वाद द्वारा, एक दिवसीय ध्यान कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
स्थान: गन्ना उत्पादक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नैनीताल रोड, बहेड़ी (बरेली), उ. ख.,
दिनांक: रविवार, 24 नवंबर 2019,
समय: सुबह 9 बजे से शाम 4:30 बजे तक।
सभी सहज योगी भाइयों और बहनों को परम पूज्य श्री माताजी के श्री चरणों में निर्विचारिता का आनंद और सुख के अनुभव के आशीर्वाद व कृपा प्राप्ति हेतु प्रार्थना व स्तुति अर्पित करने के लिए सादर आमंत्रण है।
इस कार्यक्रम का नीचे दिए गए लिंक पर ऑनलाइन प्रसारण भी होगा:
https://atyourlotusfeetmother.blogspot.com/
"मेरे चित्त से, मैं कई चीजों को कार्यान्वित करती हूं। कैसे? बस मेरा चित्त विचार शून्य हो गया है। बस विचार शून्य है। यह जाता है। जहां भी जाता है, यह कार्य करता है। लेकिन अगर आप अपना चित्त हर समय सोचने के लिए, सोचने के लिए लगाते हैं, तो यह उस कार्य को नहीं करता है जिसे इसको करना चाहिए। "
परम पूज्य श्री माताजी
क्रिसमस पूजा 1998
श्री माताजी! आपने हमारे भीतर एक माँ और उसके बच्चों के बीच एक सबसे शक्तिशाली सम्बन्ध प्रदान किया है। आप हमारे भीतर मौजूद हैं और हम भी आपके भीतर विराट की कोशिकाओं के रूप में मौजूद हैं। आप अपने प्रत्येक बच्चे के अतःकरण और बाह्य दोनों का ख्याल रखती हैं जब हम आपकी कृपा और आशीर्वाद से निर्विचारिता की स्थिति से सशक्त होते हैं। श्री माताजी! कृपया पूरी तरह से निर्विचारिता की स्थिति हम सभी के भीतर स्थापित होने दें ताकि हमारे माध्यम से इसका आनंद और सुख समस्त विश्व के प्राणियों को प्राप्त हो सके श्री माताजी!
जय श्री माताजी!
No comments:
Post a Comment