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Sunday, April 29, 2018
















Invitation for Sahastrar Day world online meditation on Friday, 4th May 2018, 7 pm to 10 pm (India Time). 

“ I saw the primordial Kundalini rising like a big furnace, and the furnace was very silent but burning up here as it had, as if you heat up some metal and it has many colors, in the same way the Kundalini showed up like a huge furnace, say, of a, I can say, of a furnace which is like a tunnel. You see, these plants you have for coal burning to create electricity, and it stretched like a telescope one after another it came out tchu, tchu, tchu – like that it came out and the deities came and sat on their seats, on their golden seats and then they lifted the whole of the head like a big dome and opened it, and then this torrential rain completely drenched Me and I started seeing all that and got lost into the joy. I was like an artist seeing its own creation fulfilled; I felt the joy of great fulfillment.” 
H.H. Shri Mataji, Sahastrar Puja, 5th May 1982 - Le Raincy Ashram, Paris, France 

Dear all Brothers and Sisters, 
On the most auspicious occasion of 48th Sahastrar Day let us all gather together online from all parts of the world to meditate and offer our expressions of deepest gratitude at the Lotus Feet of H.H. Shri Mataji for establishing us into HER most beautiful Eternal world of Bliss and Joy which provides us all greatest higher life to live.

Online meditation Date & Time : Friday, May 4th 2018, 7 pm to 10 pm (India Time) Website Link : https://atyourlotusfeetmother.blogspot.in/ 

Link to know corresponding time of your city/country: https://timeanddate.com/s/3h8p 
Jai Shri Mataji 

सहस्त्रार दिवस विश्व ऑनलाइन ध्यान कार्यक्रम, शुक्रवार, 4 मई 2018 को सांय 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक (भारतीय समय), हेतु सहर्ष आमंत्रण

"मैंने देखा कि आदि कुंडलिनी एक बड़ी भट्टी की तरह धधकती हुई उठ रही है, और भट्ठी बहुत शांत थी लेकिन इस तरह से जल रही थी जैसे कि आप किसी धातु को गर्म करते हैं तो उसमें कई रंग होते हैं, वैसे ही कुंडलिनी एक विशाल भट्टी की तरह दिखाई दे रही थी, मैं कह सकती हुँ एक सुरंग की तरह है। जैसे कोयला जला कर बिजली बनाने वाले बिजली घर आप अपने आस पास देखते हैं उसी तरह एक दूरबीन की तरह एक दूसरे के अंदर से यह खट, खट,खट से निकला - जैसे ही यह निकला तभी सभी देवता आए और अपने अपने आसनों पर बैठे और फिर उन्होंने पूरे सिर की छतरी को एक बड़े गुंबद की तरह उठा लिया और इसे खोल दिया, और फिर इस भारी बारिश ने मुझे पूरी तरह से भिगो दिया और मैंने उसे देखना शुरू कर दिया और में उसके आनंद में खो गयी l मैं एक कलाकार की तरह थी जो अपनी रचना को पूरा होते हुए देख आनंदित हो रहा था; मुझे एक असीम संतोष प्राप्त होने का आनंद अनुभव हुआ। " 
परम पूज्य श्री माताजी, सहस्त्रार पूजा, 5 मई 1982, पेरिस, फ्रांस 

प्रिय सभी भाइयों और बहनों, 
48 वें सहस्त्रार दिवस के सबसे शुभ अवसर पर आइये हम सभी दुनिया के सभी हिस्सों से ऑनलाइन सामूहिक ध्यान में एकत्रित हो कर परम पूज्य श्री माताजी के चरण कमलों में ह्रदय से अपनी गहन कृतज्ञता समर्पित करते हैं जिनकी असीम कृपा से हम सभी को एक नवीन संसार प्राप्त हुआ जो आनंद व् उल्लास से परिपुर्ण है तथा हमे एक उच्च कोटि का जीवन प्रदान करता है. 

सहस्त्रार दिवस ऑनलाइन ध्यान कार्यक्रम की तिथि व् समय : शुक्रवार, 4 मई 2018, सांय 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक (भारतीय समय ) 
सम्मिलित होने के लिए वेब लिंक: https://atyourlotusfeetmother.blogspot.in/ 
विदेशी शहर/ देश के इसी समय को जानने के लिए लिंक: https://timeanddate.com/s/3h8p 

जय श्री माताजी

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